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नर्मदेश्वर शिवलिंग दुनिया का सबसे शक्तिशाली और पवित्र शिवलिंग माना जाता है। हम लोगों ने भोलेनाथ के अनेक शिवलिंगों तथा उसके महत्व के बारे में जाना है परन्तु क्या आप नर्मदेश्वर शिवलिंग के बारे में जानते है, अगर नहीं तो आज का यह लेख आपके लिए ही है। शिवलिंग तो कई प्रकार के होते है और प्रत्येक शिवलिंग की पूजा का अपना महत्व है, उसके पीछे कोई न कोई रहस्य जरुर है। आइये जानते है नर्मदेश्वर शिवलिंग की उत्पत्ति कैसे हुई। नर्मदेश्वर शिवलिंग की उत्पत्ति नर्मदेश्वर शिवलिंग इस पृथ्वीलोक पर केवल नर्मदा नदी में ही पाए जाते है, इसके नाम से ही प्रतीत होता है की इसमें नर्मदा नदी का उल्लेख किया गया है। यह स्वयं भू शिवलिंग है। नर्मदेश्वर शिवलिंग को बाणलिंग भी कहा जाता है। इसके पीछे कहानी है, कहते है बाणासुर ने दिन रात कई वर्षों तक तपस्या कर भोलेनाथ को प्रसन्न किया था और भोलेनाथ से वर माँगा था की वे अमरकंटक पर्वत पर सदा लिंगरूप में ही प्रकट रहेंगे। इसी पावन पर्वत से नर्मदा नदी निकलती है, जिसके साथ पर्वत से बहकर पत्थर आते है, यही वो पत्थर है, जो शिवस्वरूप माने जाते है और उन्हें ही बाणलिंग एवं नर्मदेश्वर शिवलिंग के नाम से लोग पूजते है। नर्मदेश्वर शिवलिंग की महिमा सावन के इस पवित्र महीने में किसी भी दिन नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना अपने घर, कार्यस्थल में करने से सौ गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके पूजन से बिगड़ी तकदीर संवर जाती है। जो भी उपासक या शिवभक्त नर्मदेश्वर शिवलिंग को पूजता है, उन्हें शिव भगवान का आशीर्वाद मिलता है। इस शिवलिंग की पूजा से सुख-समृद्धि के साथ साथ जीवन में आ रही बड़ी से बड़ी मुसीबते दूर होती है। किसी अन्य पत्थर या अन्य धातु से बने शिवलिंग की अपेक्षा नर्मदेश्वर शिवलिंग में कई अधिक ऊर्जा समाहित है, इसके पूजन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। नर्मदेश्वर शिवलिंग के लाभ मोक्ष की प्राप्ति नर्मदेश्वर शिवलिंग के पूजन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों और पुराणों में लिखा गया है कि जीवन और मरण के बंधन से छूट जाना ही मोक्ष है। जब इस पृथ्वीलोक से मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर लेता है, तो फिर उसे फिर से पृथ्वीलोक में आकर जन्म लेने की आवश्यकता नहीं होती। मोक्ष मिल जाने पर जीव सदा के लिए सब प्रकार के बन्धनों और कष्टों से मुक्ति पाता है। जो शिवभक्त मोक्ष की प्राप्ति चाहते है, उन्हें शिव के सबसे शक्तिशाली और पवित्र नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए, ऐसे भक्तों को शिव का आशीर्वाद जरुर मिलता है। मानसिक अशांति दूर होती है नर्मदेश्वर शिवलिंग के पूजन से आपके मन में शुद्ध भाव आते है, आसपास की निराशाजनक स्थिति से छुटकारा मिलता है। इस पवित्र शिवलिंग में वह शक्ति है जो आपके मन से निराशा, अशांति, क्रोध को पल भर में दूर करती है। शिवलिंग का पूजन करने वाले व्यक्ति को इस पूजा से मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। सभी इच्छाएँ पूर्ण होती है। नर्मदेश्वर शिवलिंग के प्रभाव से मस्तिष्क में गलत भावनाएं उत्पन्न नहीं होती, व्यक्ति मानसिक शांति हेतु ईश्वर की शरण में जाता है, धार्मिक कार्य में उसकी रूचि बढ़ती है, जीवन सुखमय और आध्यात्म की ओर अग्रसर होता है। एकाग्रता में वृद्धि नर्मदेश्वर शिवलिंग को अत्यंत शुभ माना गया है। यह व्यक्ति के जीवन के कई दोषों को शांत करने का काम करता है। लेकिन यदि सबसे अधिक यह किसी बात में सहायक होता है, तो वो है एकाग्रता में वृद्धि के लिए, जो जातक किसी काम में फोकस करने में असमर्थ होते है, उनके लिए नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना करना लाभदायक होता है, इसके प्रभाव से एकाग्रता में वृद्धि होती है। अहंकार / तनाव से छुटकारा नर्मदेश्वर शिवलिंग दुनिया का सबसे शक्तिशाली और पवित्र शिवलिंग माना जाता है। इस शिवलिंग के पूजन से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। जो भी शिव भक्त अहंकार, तनाव, क्रोध जैसी स्थिति का सामना कर रहे है, जिसके कारण जीवन में परेशानियाँ उत्पन्न हो रही है, उनको नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना एवं नित्य पूजन करना चाहिए। नर्मदेश्वर शिवलिंग के पूजन से अहंकार, तनाव तथा क्रोध में कमी आती है। परस्पर संबंधो में शांति, प्रेम और सामंजस्य स्थापित होता है।
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